मुगलों ने आखिर आगरा को ही राजधानी क्यों बनाया? जानें इसके पिछे क्या थी वजह

मुगल भारत में पहली बार 1526 में आए. बाबर ने पानीपत की पहली लड़ाई में इब्राहिम लोदी को हराकर मुगल साम्राज्य की नींव रखी. इसके लिए उसने आगरा को चुना. तब से लेकर लंबे समय तक ये शहर उनके साम्राज्य का केंद्र और गढ़ बना रहा. दुनिया में इस शहर की पहचान आज भी मुगलिया सल्तनत की राजधानी के तौर पर ज्यादा है. आखिर मुगल शासकों ने आगरा को ही क्यों चुना.
आगरा को मुगल शासकों ने अपने साम्राज्य के केंद्र के रूप में विशेष रूप से अकबर के शासनकाल (1556-1605) के दौरान प्रमुखता से चुना. बाबर ने शुरू में आगरा को अपनी राजधानी बनाया. बाद में अकबर ने इसे और मजबूत किया.
मुगलों ने आगरा को क्यों चुना?
आगरा उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में स्थित था. यमुना नदी के किनारे होने के कारण यह सैन्य और व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था. यह स्थान दिल्ली, मथुरा और ग्वालियर जैसे प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ था. यमुना नदी पानी की आपूर्ति और कृषि के लिहाजा से माफिक जगह थी.
इतिहासकार इस बारे में क्या कहते हैं
इतिहासकार मानते हैं कि आगरा की स्थिति उत्तर भारत के दोआब क्षेत्र (गंगा-यमुना के बीच का उपजाऊ मैदान) में होने के कारण यह सैन्य और प्रशासनिक नियंत्रण के लिए आदर्श जगह थी. यमुना नदी ने इसे प्राकृतिक सुरक्षा और जल संसाधन दिया हुआ था.
अब्राहम एराली अपनी किताब “द मुगल वर्ल्ड” (The Mughal World) में लिखते हैं कि आगरा का केंद्रीय स्थान मुगलों को साम्राज्य के विस्तार और संचालन में मदद करता था, खासकर दिल्ली, राजस्थान और मध्य भारत के बीच संतुलन बनाए रखने में.
जॉन एफ. रिचर्ड्स की किताब “द मुगल एंपायर” (The Mughal Empire) कहती है कि मुगलों से पहले सिकंदर लोदी ने 1504 में आगरा को अपनी राजधानी बनाया था, जिससे यह पहले से ही एक प्रशासनिक और सैन्य केंद्र के रूप में विकसित हो चुका था. बाबर ने इसे और मजबूत किया. ये लोदी शासकों की हार के बाद मुगलों की शक्ति का प्रतीक बन सकता था.
सतीश चंद्रा की किताब “मेडुअल इंडिया सल्तनत टू द मुगल्स” (Medieval India: From Sultanate to the Mughals) में लिखा है कि आगरा की स्थिति ने इसे एक “सैन्य चौकी” और “व्यापारिक केंद्र” के रूप में एकदम माकूल बनाया, जिसे अकबर ने अपने शासनकाल में और विकसित किया. किताब कहती है कि आगरा प्रमुख व्यापार मार्गों पर स्थित था, जो मुगलों को आर्थिक रूप से मजबूत करता था. साथ ही, यहां से सैन्य अभियानों को आसानी से संचालित किया जा सकता था.
कैथरीन बी. आशर और सिंथिया टैलबोट की “इंडिया बिफोर यूरोप” ( India Before Europe) में तर्क दिया गया है कि आगरा का चयन मुगलों की सांस्कृतिक महत्वाकांक्षा को दिखाता है. जहां से वे अपनी फारसी विरासत को भारतीय परंपराओं के साथ जोड़ना चाहते थे. इतिहासकारों का मानना है कि मुगलों ने आगरा को अपनी शाही भव्यता प्रदर्शित करने के लिए चुना. अकबर ने आगरा किले का पुनर्निर्माण करवाया. शाहजहां ने ताजमहल बनवाकर इसे कला और संस्कृति का केंद्र बना दिया.
हरबंस मुखिया की किताब “द मुगल्स ऑफ इंडिया” ( The Mughals of India) में इस बात का उल्लेख है कि आगरा की प्रारंभिक स्थिरता और संसाधनों ने इसे दिल्ली के मुकाबले शुरुआती पसंद बनाया.
तब मुगलों ने दिल्ली को राजधानी क्यों नहीं बनाया
बाबर के समय दिल्ली अभी तक पूरी तरह से स्थिर नहीं थी. आगरा ने भारत में मुगल वंश के स्थापक बाबर को आगरा ने सुरक्षित और तुरंत उपलब्ध आधार उपलब्ध कराया. बाद में अकबर ने दोनों शहरों को महत्व दिया, लेकिन आगरा शुरूआती मुगल शासकों के लिए प्राथमिक केंद्र रहा.
इतिहासकार इस बात पर सहमत लगते हैं कि आगरा का चयन केवल संयोग नहीं था, बल्कि यह एक सोचा-समझा निर्णय था जो रणनीति, संसाधनों और शाही प्रदर्शन पर आधारित था.
मुगलों ने कितने साल तक आगरा को राजधानी बनाकर रखा
मुगलों ने आगरा को अपनी राजधानी के रूप में लगभग 131 साल तक बनाए रखा, हालांकि इस दौरान कुछ समय के लिए उन्हें यहां से बाहर भी जाना पड़ा.
बाबर (1526-1530)- बाबर ने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई जीतने के बाद आगरा को अपनी राजधानी बनाया. वह 1530 में अपनी मृत्यु तक यहां रहा. यानि चार साल.
हुमायूं (1530-1556, बीच में कुछ गैप भी) – हुमायूं ने शुरू में आगरा को राजधानी बनाए रखा लेकिन 1540 में शेर शाह सूरी से हारने के बाद उसे भारत छोड़ना पड़ा. 1555 में उसने आगरा वापस हासिल किया. 1556 में अपनी मृत्यु तक यहां रहकर शासन करता रहा. प्रभावी तौर पर आगरा में उसने राजधानी बनाकर 10 साल शासन किया.
अकबर (1556-1605) – अकबर ने 1556 में शासन शुरू किया. आगरा को उसने पहले राजधानी बनाया. फिर 1571 में फतेहपुर सीकरी को नई राजधानी बनाया लेकिन वहां केवल 14 साल (1571-1585) तक रहा. फिर से आगरा लौट आया. 1605 में मृत्यु तक यहीं से शासन किया.अकबर ने 43 सालों तक आगरा से हुकुमत चलाई.
जहाँगीर (1605-1627) – जहांगीर ने आगरा को राजधानी के रूप में जारी रखा. हालांकि वह अपना समय लाहौर और कश्मीर में बिताता था. 22 सालों तक उसने आगरा को राजधानी बनाकर शासन किया.
शाहजहां (1628-1658) – शाहजहां ने 1628 में शासन शुरू किया. दस साल बाद वह राजधानी शाहजहानाबाद (वर्तमान पुरानी दिल्ली) ले गया.