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Success Story: यूट्यूब से सिखी ये कला और बन गया करोड़पति, जानें पूरी कहानी

जैविक खेती, डेयरी और कृषि पर्यटन को मिलाकर 17 करोड़ रुपये का कारोबार खड़ा किया

नई दिल्‍ली: राजस्थान के लेखराम यादव ने ऑर्गेनिक फार्मिंग (Organic Farming) के प्रति अपने जुनून को 17 करोड़ रुपये के सफल व्यवसाय में बदल दिया है। उन्होंने पांच साल पहले 120 एकड़ जमीन से शुरुआत की थी। अब वह 550 एकड़ में जैविक फसलें, मसाले, सब्जियां और फल उगाते हैं। वह खेती में ताराचंद बेलजी तकनीक (TCBT) और वृक्षायुर्वेद जैसी आधुनिक विधियों का इस्‍तेमाल करते हैं। 34 साल के लेखराम यादव कोटपुतली के रहने वाले हैं। उन्होंने अहसास किया कि ऑर्गेनिक फार्मिंग से उनकी आजीविका पर कितना अच्छा प्रभाव पड़ा है। उन्‍होंने आर्गेनिक फार्मिंग के साथ डेयरी और कृषि पर्यटन को मिलाकर कमाई का मॉडल बनाया है। आइए, यहां लेखराम यादव की सफलता के सफर के बारे में जानते हैं।

बायोटेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट
एक साधारण किसान परिवार में जन्मे लेखराम ने सिर्फ पांच साल पहले 120 एकड़ जमीन से शुरुआत की थी। अब उन्होंने राजस्थान के तीन जिलों- जयपुर, नागौर, जैसलमेर और गुजरात के बोटाद में 550 एकड़ से अधिक में अपना जैविक फार्म फैला लिया है। आज उनका फार्म भारत में ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए एक मिसाल बन गया है। लेखराम यादव ने बायोटेक्नोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है। उन्होंने डीएनए फिंगरप्रिंटिंग और जीएमओ टेस्टिंग में विशेषज्ञता वाली एक NABL-मान्यता प्राप्त लैब में तकनीकी प्रबंधक के रूप में काम किया। लेकिन, तेज शहरी जिंदगी और बढ़ती स्वास्थ्य समस्याओं ने उन्हें अपनी महत्वाकांक्षाओं और उद्देश्य पर फिर से सोचने के लिए मजबूर किया। वह प्रकृति और मानव समाज में योगदान करना चाहते थे। उन्होंने फैसला किया कि इस बदलाव को करने का यह सबसे अच्छा समय है।

यूट्यूब को बनाया गुरु
खूब रिसर्च, गहरी चिंतन और कई घंटों की चर्चा के बाद लेखराम यादव ने जैविक खेती को जीवन के एक तरीके के रूप में अपनाया। लेखराम ने 2013 में 120 एकड़ भूमि पर जैविक खेती के अपने सपने को साकार करना शुरू किया। किसी भी यात्रा की तरह उनकी यात्रा में भी चुनौतियां थीं। एलोवेरा की खेती के साथ उनके शुरुआती प्रयोग में उन्हें काफी नुकसान हुआ। लेकिन, हार मानने के बजाय उन्होंने गहन शोध करके, सेमिनार में भाग लेकर और विशेषज्ञों और यूट्यूब ट्यूटोरियल से मार्गदर्शन हासिल कर जैविक खेती की बारीकियों को समझने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। उन्होंने यूट्यूब को गुरु बना लिया। यूट्यूब वीडियो से जमकर सीखा।

तकनीकों का किया इस्‍तेमाल
लेखराम की यात्रा में एक बड़ा मोड़ तब आया जब उन्होंने ताराचंद बेलजी तकनीक (TCBT) के बारे में जाना। ऊर्जा विज्ञान पर आधारित यह तकनीक नैनो टेक्‍नोलॉजी का इस्‍तेमाल करके पौधों के स्वास्थ्य को बढ़ाने पर फोकस करती है। इससे पौधे स्वाभाविक रूप से पनपते हैं। लेखराम ने अपने फार्म पर TCBT को लागू किया और आश्चर्यजनक परिणाम देखे। इसकी सफलता से उत्साहित होकर उन्होंने इसका उपयोग अपने सभी फार्मों में कर दिया। उन्होंने वृक्षायुर्वेद के सिद्धांतों को भी शामिल किया। यह एक पारंपरिक भारतीय कृषि विज्ञान है जो बेहतर पौधे के विकास को बढ़ावा देने के लिए जैव रसायन और भस्म (राख) रसायन विज्ञान का उपयोग करता है।

अब करोड़ों का टर्नओवर
लेखराम ने डेयरी फार्मिंग में भी कदम रखा है। उन्होंने साहीवाल गायों को पाला है जो जैविक दूध, घी और पनीर का उत्पादन करती हैं। उनकी डेयरी A2 दूध उत्पादन के लिए प्रमाणित है। इसके अलावा उन्होंने 22 एकड़ में 56 भोग वाटिका परियोजना विकसित की है। लेखराम ने कृषि पर्यटन को अपनाया है। वह मेहमानों को जैविक खेती का सही मायने में अनुभव कराने के लिए आमंत्रित करते हैं। यह परियोजना राजस्थान के कृषि पर्यटन विभाग के साथ भी पंजीकृत है। लेखराम की कंपनी यूबी ऑर्गेनिक इंडिया अनाज, मसाले, सब्जियां, फल और डेयरी उत्पाद बेचती है। यह 17 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार हासिल करने में कामयाब हुई है।

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