New SEBI President: तुहिन कांत पांडे बने नए अध्यक्ष माने जाते हैं अनुभवी नौकरशाह

नई दिल्ली: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की वर्तमान अध्यक्ष माधबी पुरी बुच का तीन साल का कार्यकाल 28 फरवरी को समाप्त हो रहा है. 2 मार्च 2022 को सेबी की कमान संभालने वाली बुच अब अपना पद तुहिन कांत पांडे को सौंपने जा रही हैं. माधबी का कार्यकाल विवादों में रहा है, खासकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद, जब विपक्षी दलों ने उन्हें कटघरे में खड़ा किया. माधबी ने 1966 में मुंबई में जन्म लिया और आईआईएम अहमदाबाद से पढ़ाई की थी. वह सेबी की दूसरी गैर-आईएएस अध्यक्ष भी रही हैं. तीन दशकों से अधिक समय से सक्रिय माधबी ने 1989 में ICICI बैंक के साथ अपना करियर शुरू किया था. केंद्र सरकार ने पांडे को अगला सेबी अध्यक्ष नियुक्त किया है, और केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय (DoPT) ने इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है.
तुहिन कांत पांडे की शैक्षिक पृष्ठभूमि
तुहिन कांत पांडे ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर (एमए) की डिग्री हासिल की. इसके बाद, उच्च शिक्षा के लिए पांडे ब्रिटेन गए, जहां उन्होंने बर्मिंघम विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की डिग्री प्राप्त की. उनकी शैक्षिक पृष्ठभूमि उन्हें सेबी के अध्यक्ष पद के लिए एक सक्षम उम्मीदवार बनाती है.
पांडे को मिलने वाला वेतन
वित्त मंत्रालय के अधीन आर्थिक मामलों के विभाग ने जनवरी में सेबी अध्यक्ष पद के लिए आवेदन आमंत्रित किए थे. सेबी के अध्यक्ष को भारत सरकार के सचिव के बराबर वेतन मिलेगा, जो 5,62,500 रुपये प्रति माह (मकान और कार के बिना) है. यह राशि पांडे की उच्च प्रशासनिक जिम्मेदारी को देखते हुए तय की गई है.
पांडे का प्रशासनिक अनुभव
तुहिन कांत पांडे ने अपने करियर की शुरुआत ओडिशा सरकार के विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों से की थी, जहां उन्होंने स्वास्थ्य, सामान्य प्रशासन, वाणिज्यिक कर, परिवहन और वित्त विभागों में प्रशासनिक प्रमुख के रूप में अपनी सेवाएं दीं. इसके बाद, वह केंद्र सरकार के कई विभागों में काम कर चुके हैं, जिनमें NITI आयोग, केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिवालय, वाणिज्य मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (DoPT) शामिल हैं.
ओडिशा में पांडे का कार्यकाल
पांडे ने ओडिशा राज्य वित्त निगम के कार्यकारी निदेशक और ओडिशा लघु उद्योग निगम के प्रबंध निदेशक के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. ओडिशा में अपने प्रशासनिक कार्यकाल के दौरान, उन्होंने राज्य के विकास में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए.
भारतीय जीवन बीमा निगम को शेयर बाजार में लाने में भूमिका
पांडे के कार्यकाल में, उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को शेयर बाजार में लाने में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया. इसके अलावा, उन्होंने एयर इंडिया की बिक्री की प्रक्रिया को भी पूरा किया, जो लंबे समय से अटकी हुई थी. इन उपलब्धियों ने उन्हें एक कुशल नौकरशाह के रूप में स्थापित किया.
सेबी अध्यक्ष की नियुक्ति प्रक्रिया
सेबी के अध्यक्ष की नियुक्ति वित्तीय क्षेत्र विनियामक नियुक्ति खोज समिति (FSRASC) की सिफारिश पर की जाती है. यह समिति उम्मीदवारों को उनकी योग्यता के आधार पर शॉर्टलिस्ट करती है और अन्य योग्य व्यक्तियों को भी सिफारिश कर सकती है, जिन्होंने पद के लिए आवेदन नहीं किया है. सेबी अध्यक्ष की नियुक्ति अधिकतम पांच वर्षों के लिए की जाती है या उम्मीदवार की आयु 65 वर्ष होने तक, जो भी पहले हो.