Delhi Stampede : चश्मदीदों ने बताई स्टेशन की रूह कंपा देने वाली कहानी

दिल्ली रेलवे स्टेशन पर मची भगदड़ के बाद चश्मदीद भी सामने आए हैं। महाकुंभ के लिए निकला दिल्ली के संगम विहार का एक परिवार भी भगदड़ में फंस गया था। परिवार की एक महिला ने बताया कि वे लोग एक घंटे तक भीड़ में दबे रहे। ऐसा लगा कि दम घुट जाएगा, हम बच नहीं सकेंगे। शुक्र है कि किसी तरह जान बचा सके। एक अन्य चश्मदीद ने बताया कि हालात खराब थे। कई लोग गिर गए और दब गए। कुछ ट्रेन के आगे गिरे। एक यात्री ने कहा, मैं एक घंटे पहले से प्लेटफॉर्म पर खड़ा था, लेकिन ट्रेन में नहीं चढ़ पाया। इतनी भड़ी थी… टॉयलेट में, सीढ़ियों पर हर जगह लोग भरे हुए थे। मदद करने के लिए प्लेटफॉर्म पर कोई नहीं था।
प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की भी जगह नहीं
वहीं एक और महिला यात्री ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर पैर रखने की जगह भी नहीं थी। इस कारण ये था कि जिनके पास टिकट नहीं था वह भी ट्रेन में बैठे थे और जिनकी सीट रिजर्व थी वो बाहर खड़े थे। महिला के मुताबिक, एक पुलिसकर्मी ने कहा कि यहां से जान बचाकर निकल जाओ।धर्मेंद्र सिंह ने कहा, मैं प्रयागराज जा रहा था लेकिन कई ट्रेनें देरी से चल रही थीं या रद्द कर दी गई थीं। स्टेशन पर बहुत भीड़ थी। इस स्टेशन पर मैंने पहले इतनी भीड़ कभी नहीं देखी। मेरे सामने ही छह-सात महिलाओं को स्ट्रेचर पर ले जाया गया। प्रमोद चौरसिया ने कहा, मेरे पास पुरुषोत्तम एक्सप्रेस का स्लीपर क्लास का टिकट था। कन्फर्म टिकट वाले लोग भी ट्रेन में नहीं चढ़ पाए। मेरे एक दोस्त और एक महिला यात्री भीड़ में फंस गए। बहुत ज़्यादा धक्का-मुक्की हुई। हम अपने बच्चों के साथ बाहर इंतजार करके सुरक्षित रहने में कामयाब रहे।
1500 जनरल टिकट बेचे गए, इसलिए भीड़ बेकाबू हो गई
जानकारी के मुताबिक रेलवे ने हर घंटे सीएमआई के हिसाब से 1500 जनरल टिकट बेचे गए, इसलिए भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर-14 और प्लेटफॉर्म नंबर 16 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ मच गई। दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हालत दोपहर तीन बजे से ही खराब होने शुरू हो गए थे। भीड़ में लोग आगे-पीछे ना ही जा रहे थे और न ही हिल पा रहे थे। ऐसे में ट्रेन छूटने का डर भी था। ये भी भगदड़ का दूसरा कारण था।