दादा थे चंबल के डकैत, अब पोते ने क्रैक किया UPSC, जानें कौन हैं साइंटिस्ट देव तोमर

ग्वालियर : लोग कहते थे कि तेरे दादा चंबल के बागी डकैत रहे हैं, तुम कभी कुछ नहीं कर पाओगे, लेकिन आज मुझे बहुत खुशी हो रही है क्योंकि मैंने आखिरी अटेम्प्ट में यूपीएससी एक्जाम पास किया है. यह कहना है ग्वालियर के रहने वाले देव तोमर का. देव की UPSC में 629वीं रैंक आई है. इससे पहले तक देव नीदरलैंड में फिलिप्स कंपनी हेडक्वार्टर में 88 लाख सालाना के पैकेज पर बतौर साइंटिस्ट जॉब कर रहे थे. देव ने IIT पासआउट होने के बाद जॉब के साथ ही 2019 से UPSC की तैयारी शुरू कर दी थी.
श्रेय देव ने अपने माता पिता को दिया
देव के दादा रामगोविंद सिंह तोमर कभी चंबल में बागी होकर डकैत बन गए थे. लेकिन देव के पिता बलवीर सिंह तोमर ने पढ़ाई कर खुद संस्कृत से पीएचडी करने के बाद प्रिंसिपल बने. साथ ही अपने बेटे देव को भी पढ़ाई कर जंबल अंचल का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित किया. अपनी इस सफलता का श्रेय देव ने अपने माता पिता को दिया है.
आशीष को यूपीएससी में 202वीं रैंक मिली
ग्वालियर एसपी ऑफिस में मध्य प्रदेश पुलिस के एएसआई नरेश रघुवंशी के बेटे आशीष रघुवंशी ने पहले ही अटेम्प्ट में यूपीएससी एग्जाम में कामयाबी हासिल कर ली. आशीष को यूपीएससी में 202वीं रैंक मिली है. आशीष ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम किया है. उसके बाद उन्होंने यूपीएससी की तैयारी की और पहले ही अटेम्प्ट में उन्हें कामयाबी हासिल हुई है. आशीष का कहना है कि उसने 8 से 10 घंटे रोजाना पढ़ाई की. इस दौरान उसने मोबाइल पर रील, इंस्टा या फेसबुक से पूरी तरह दूरी बनाकर रखी. आशीष के पितां नरेश रघुवंशी MP पुलिस में है.. अशोकनगर जिले के डंगोरा गांव रहने वाले ASI नरेश रघुवंशी ने बताया कि उनको बेटे पर फक्र है.
छोटे कस्बे की बेटी ने किया कमाल
ग्वालियर जिले के भितरवार कस्बे की दिव्यांशी अग्रवाल UPSC में 249 वीं रैंक हासिल की है. दिव्यांशी ने बिना किसी कोचिंग के सेल्फ स्टडी करके ही UPSC में कामयाबी हासिल की है यह सबसे बड़ी बात है. दिव्यांशी की इस सफलता से उनके साथ-साथ उनका परिवार भी काफी खुश है.