Pakur : पाकुड़ में अखाड़ा जुलूस को लेकर भाजपा ने सरकार को घेरा

पाकुड़ – मनोज
पाकुड़ : रामनवमी जुलूस पर सियासत तेज ,9 गांवों में जिला प्रशासन की ओर से जुलूस निकालने की अनुमति नहीं देने पर भाजपा ने प्रशासन और सरकार की घेराबंदी की । प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जिला अध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि 6 अप्रैल को पाकुड़ नगर में विभिन्न आयोजकों के द्वारा रामनवमी के पावन अवसर पर भव्य शोभायात्रा निकाली गई। स्थानीय लोगों एवं आयोजन समितियों ने प्रशासन का पूर्ण सहयोग किया। परंतु प्रशासन की भूमिका सहयोगात्मक नहीं रही। यह तथ्य बेहद आश्चर्जनक है कि 5 अप्रैल की आधी रात को रामनवमी आयोजन समिति के सदस्यों को नगर थाना में बुलाया जाता है और नाटकीय ढंग से सुबह लगभग 4 बजे तक अघोषित रूप से हिरासत में रख लिया जाता है। तत्पश्चात उन सभी आयोजन समिति के सदस्यों को बॉन्ड लिखवाकर छोड़ दिया जाता है।
तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया
यह भी बेहद आश्चर्जनक है कि 5 अप्रैल की ही आधी रात को अनुमंडल पदाधिकारी के कार्यालय से एक आदेश जारी होता है कि नगर थाना से जांच प्रतिवेदन प्राप्त न होने के कारण पाकुड़ ग्रामीण के झीकरहाटी , नबीनगर सहित 9 गांवों में रामनवमी का जुलूस नहीं निकाला जाएगा। भारतीय जनता पार्टी यह मांग करती है कि नगर थाना ने अगर तय समय पर जांच प्रतिवेदन नहीं दिया तो क्या कोई कार्रवाई हुई? पर रामनवमी की शोभायात्रा रोकने का तुगलकी फरमान जारी कर दिया गया। इस मामले पर तुरंत संज्ञान लेते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने ट्वीट कर राज्य सरकार को आईना दिखाया। भाजपा के इन पूर्व मुख्यमंत्रियों के ट्वीट आने के बाद ही प्रशासन हरकत में आते दिखी।
विधायक ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है
जिलाध्यक्ष अमृत पाण्डेय ने कहा कि रामनवमी के अवसर पर प्रशासन के इस बदले की कार्रवाई में स्थानीय सांसद और विधायक की प्रत्यक्ष भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता है। स्थानीय पाकुड़ विधायक ने इस मामले में चुप्पी साध रखी है और राजमहल सांसद अपना पल्ला झाड़ रहें हैं। राज्य की झामुमो-कांग्रेस की सरकार लगातार तुष्टिकरण की नीति अपना रही है। प्रशासन से मांग करते है कि सभी धर्मों के त्यौहारों को एक रूप से देखा जाना चाहिए। हिंदू धर्म के त्योहारों में परेशान नहीं किया जाए।