Betul: नकली सोने की गिन्नी बेचकर करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़, दो गिरफ्तार

बैतूल से अनिल सिंह ठाकुर की रिपोर्ट
बैतूल : मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के बीजादेही पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली सोने की गिन्नी बेचकर देशभर में करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय संगठित ठग गिरोह का पर्दाफाश किया है। ये गिरोह अब तक देश के विभिन्न राज्यों में लोगों को निशाना बनाकर करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। पुलिस ने गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया हैं।
नकली सोने की 240 गिन्नियां बरामद
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी ने रविवार को पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को थाना बीजादेही क्षेत्रांतर्गत ग्राम झिरियाडोह के जंगल में कुछ अज्ञात व्यक्तियों द्वारा ग्रामीणों को नकली सोने की गिन्नियां असली बताकर भारी कीमत पर बेचे जाने की सूचना मिली थी । जिस पर पुलिस ने थाना धारा 318(2), 338, 336(3), 3(5) के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की थी। पुलिस ने रविवार को रुप सिंह पिता गेंदलाल कलमे (40) निवासी ग्राम झिरनापुरा, थाना सिवनी मालवा, जिला नर्मदापुरम एवं अजीत पारधी पिता लेहसुनचंद पारधी (40)निवासी सिवनी मालवा जिला नर्मदापुरम को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से नकली सोने की 240 गिन्नियां, नकली सोने के दो आभूषण एवं दो मोबाइल फोन बरामद किए।
कई राज्यों में कई लोग ठगी का शिकार हुए
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमला जोशी ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे एक संगठित ठग गिरोह के सक्रिय सदस्य हैं, जो मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश सहित देश के विभिन्न राज्यों में भोले-भाले ग्रामीणों एवं नागरिकों को ठगने का कार्य करते हैं। यह गिरोह सुनियोजित रणनीति के तहत बस स्टैंड, मंदिर परिसर, ट्रेन यात्रा आदि स्थानों पर संपर्क बनाते और यह दावा करते हैं कि उनके खेत में या रास्ते में उन्हें सोने की गिन्नियां मिली हैं, जिन्हें वे पुलिस तथा शासन की नजर से चोरी-छिपे बाजार मूल्य से आधे दाम में बेचना चाहते हैं।
भरोसा दिलाके दिखाते थे असली सोने की गिन्नी
आरोपी लोगों को भरोसा दिलाने के लिए शुरुआत में एक असली सोने की गिन्नी देकर उसे जांच कराने के लिए प्रेरित करते थे। पीड़ित गिन्नी असली पाए जाने पर सौदा तय करता था और बाद में उन्हें नकली गिन्नियां सौंप दी जाती थी। आरोपी सौदे के लिए बैतूल-हरदा-नर्मदापुरम जिला के सीमावर्ती जंगलों, निर्जन स्थलों पर बुलाते हैं जहाँ मोबाइल नेटवर्क अथवा अन्य संचार सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती थीं। कई पीड़ित बदनामी और भय के कारण सामने नहीं आते थे,जिससे मामला पुलिस तक नहीं पहुंचता था।
एएसपी ने बताया कि
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर ली है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की हैं।
इनकी भूमिका महत्वपूर्ण रही
आरोपियों की गिरफ्तारी में एसडीओपी शाहपुर मयंक तिवारी, थाना प्रभारी बीजादेही रवि शाक्य सउनि जीपी बिल्लोरे, प्रधान आरक्षक परसराम देवड़ा, आरक्षक मिथिलेश उइके तथा साइबर सेल की विशेष भूमिका रही।
पुलिस का आग्रह प्रलोभन में नहीं आए
पुलिस प्रशासन ने आमजन से अपील किया है कि लोग ऐसे किसी भी प्रलोभन में न आएं एवं इस प्रकार की संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। ऐसे अपराधों की सूचना देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी।