संविधान से ऊपर है शरियत, झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल के बयान से मचा बवाल
बीजेपी के नेता ने हसन को मंत्रिमंडल से बर्दाखास्त करने की मांग की है.

रांची: वक्फ बिल को लेकर पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद सहित कई इलाकों में हिंसा की खबर सामने आई हैं। कई जगह वक्फ बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन भी हो रहा है। इस बीच झारखंड में एक बड़ा सियासी विवाद खड़ा हो गया। हेमंत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने शरीयत को संविधान से ऊपर बता दिया। उनके इस बयान ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मंत्री हफीजुल हसन को बर्खास्त करने की मांग करते हुए हेमंत सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
पहले शरीयत, फिर संविधान: हफीजुल हसन
मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा, ‘शरीयत मेरे लिए बड़ा है। हम मुसलमान कुरान सीने में और संविधान हाथ में लेकर चलते हैं। तो हम पहले शरीयत को पकड़ेंगे, उसके बाद संविधान में… मेरा इस्लाम यही कहता है।’ एक संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति का ऐसा बयान देना अत्यंत विवादास्पद टिप्पणी मानी जा रही है।
यह इस्लामिक एजेंडा है: BJP का हमला
इस बयान के बाद BJP नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हफीजुल हसन के लिए संविधान नहीं, शरीयत मायने रखता है। चुनाव के समय गरीबों से वोट मांगने वाले अब इस्लामिक एजेंडा चला रहे हैं। यह सोच संथाल परगना की संस्कृति और आदिवासी अस्मिता के लिए खतरा है।”
मरांडी ने यह भी कहा कि यदि कोई संवैधानिक पद पर बैठा व्यक्ति कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता है, तो यह केवल वर्तमान ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी घातक है। उन्होंने हेमंत सोरेन और राहुल गांधी से अंसारी को मंत्री पद से हटाने की मांग की।
संविधान से ऊपर नहीं हो सकता शरीयत: केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री और रांची से सांसद संजय सेठ ने अंसारी के बयान को ‘लोकतंत्र का दुर्भाग्य’ बताया। उन्होंने कहा, ‘आज देश बाबासाहेब अंबेडकर की जयंती मना रहा है, और इसी दिन एक मंत्री संविधान से ऊपर शरीयत को बता रहे हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। संविधान सबसे ऊपर है, उससे ऊपर कुछ नहीं हो सकता।’